काशीपुर । केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज घोषित कर वाहवाही लूट ली है। सवाल यह उठता है कि इस आर्थिक पैकेज का लाभ कोरोना महामारी में आम जनता और छोटे कार्यों से अपना गुजारा करने वाले लोग कैसे उठा पायेंगे।
उदाहरण के लिए काशीपुर के आर्टिस्ट एंड वैलफेयर एसोसिएशन के दर्जनों सदस्य तमाम गुहार लगाने और मिन्नतें करने के बावजूद रोजी-रोटी के गंभीर संकट से गुजर रहे हैं। शब्द दूत से बात करते हुए इन लोगों ने एक बार फिर अपन पीड़ा साझा की है। न तो स्थानीय प्रशासन और न शासन का ध्यान इनकी ओर गया है। इनका कहना है कि अब यह लोग बुरी तरह टूट चुके हैं। शासन प्रशासन लगातार इस बात का दावा कर रहा है कि राहत कार्य हर व्यक्ति तक पहुंच रहा है। पर यह दावा यहाँ झूठा साबित हो रहा है। हालांकि इस तरह के लोगों की व्यथा उजागर करने वाले को झूठा साबित कर उसके विरुद्ध कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। यह बिडम्बना है कि कोरोना में लोग अपनी व्यथा कहने में अपराधी साबित किये जा रहे हैं।
सूबे के मुख्यमंत्री को इन बातों का संज्ञान लेना चाहिए ताकि राज्य में कोई इस कोरोना महामारी के दौर में ऐसी पीड़ादायक स्थिति में न आये। हालांकि यह स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी में आता है पर कोई सुनवाई न होने पर राज्य के मुखिया से अपना दर्द कहना अपराध की श्रेणी में न रखा जाए।