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काशीपुर :संजीवनी मल्टीस्पेशलिटी हास्पिटल की ओपीडी चालू होने से मरीजों को मिली राहत

नवल सारस्वत

काशीपुर । लॉकडाउन के दौरान कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए क्षेत्र के कुछ निजी अस्पताल व नर्सिंग होम ने ओपीडी संचालन बंद किया हुआ है। वहीं संजीवनी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल समेत कई निजी अस्पताल में ओपीडी के संचालन से क्षेत्र के मरीजों को काफी राहत मिली है। हालांकि कई निजी नर्सिंग होम और अस्पतालों की ओपीडी अभी भी बंद हैं। सिर्फ इमर्जेंसी ओपीडी चालू है।

उनके चिकित्सकों का कहना है की ओपीडी बंद करना भी देश हित में ही है। सामान्य ओपीडी शुरू करने से अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ सकती है, और हर प्रकार का मरीज उसमे शामिल होगा जिससे शारिरिक डिस्टेंसिंग का उलंघन के साथ ही कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। जो कि बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।

कोरोना संक्रमण की रोकथाम व बचाव के लिए सरकार द्वारा देश-प्रदेश में 17 मई तक लॉकडाउन है। इसके मद्देनजर कई निजी अस्पतालों की ओपीडी का संचालन बंद है । इस दौरान चुनिंदा अस्पतालों के साथ ही मुरादाबाद रोड स्थित संजीवनी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में ही ओपीडी संचालित की जा रही है। जिससे क्षेत्र के मरीजों को काफी हद तक राहत है। बता दें कि पूर्व में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों की एक बैठक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ हुई थी। इस दौरान निर्णय लिया गया कि मरीजों की सहूलियत के लिए निजी नर्सिंग और अस्पतालों की ओपीडी भी सुचारु की जाए। बावजूद इसके राज्य समेत यहां अभी भी बहुत से निजी अस्पताल और नर्सिंग होम में ओपीडी का संचालन बंद है। एक वार्ता में संजीवनी हॉस्पिटल के प्रबंधक मुकेश चावला ने बताया कि लॉकडाउन के इस दौर उनके यहां प्रातः 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक हॉस्पिटल के सुपरिटेंडेंट और वरिष्ठ फिजिशियन डॉ जतिन गर्ग की देखरेख में ओपीडी और इमरजेंसी ओपीडी चौबीस घंटे चल रही है। ओपीडी में प्रतिदिन दर्जनों मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। स्वास्थ्य लाभ ले रहे है। 

मुकेश चावला ने कहा कि बहुत जरूरी होने पर ही लोग अस्पताल पहुंचे, और मास्क का इस्तेमाल और शारीरिक दूरी का पालन करे। उन्होंने बताया कि सभी डॉक्टर्स और हेल्थ स्टाफ को मास्क, सेनेटाइजर व अन्य सुरक्षा का सामान मुहैया कराया गया है। अस्पताल में आने वाले समस्त स्टाफ समेत मरीजों और अन्य लोगों का हेल्थ स्टाफ द्वारा मुख्य द्वार पर स्क्रीनिंग, सेनेटाइजिंग और टेम्प्रेचर लिया जाता है। फीवर और फ्लू के लक्षण वाले मरीजों को बेहतर उपचार के लिये हॉस्पिटल की एम्बुलेंस से राजकीय चिकित्सालय भेजा जाता है। अन्य मरीजों को हॉस्पिटल में प्रवेश की अनुमति दी जाती हैं और डॉक्टर द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण कर उपचार किया जाता है। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी में हॉस्पिटल की ओर से प्रशासन की हर तरह से मदद का प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में उनके द्वारा एक एम्बुलेंस चालक समेत क्वारन्टीन सेंटर को उपलब्ध कराई गई है। वहीं डॉ जतिन गर्ग ने कहा कि इस संकट की घड़ी में हमें संयम और संकल्प से काम लेना होगा। महामारी के इस दौर में निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।

उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम के संचालकों को अपने यहां ओपीडी का संचालन करना चाहिए। इससे आमजन को अन्य बीमारियों की दशा में अपना इलाज करवाने में मदद मिलेगी।

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