दो दिन पहले गणेश पाठक की दर्दनाक मौत पर जनता की खामोशी बता रही है इसका विरोध करके किसी को कोई लाभ नहीं होगा। उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश में यह बिडम्बना है कि मौत पर आक्रोश सिर्फ फायदे के लिए उत्पन्न होता है। एक पत्रकार की रपट
@गिरीश चन्दोला
हल्द्वानी। हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पांखू मन्दिर का भ्रमण किया था। उपचुनाव पूर्व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पांखू कोटगाड़ी देवी के दरवार में अपनी हाजिरी लगाई थी। जिसके बाद भी कोटमन्या से लेकर पांखु की सड़क की दशा जस की तस बनी हुई है। यहां सड़क के ऊपर से ही बड़े गधेरे, नाले और नदियां होकर गुजरती है। जिससे आए दिन बरसातों में यहां सड़को के बीचों-बीच कई जगह भारी भरकम जल का बहाव देखने को मिलता रहा है। आपको बता दें कि इस क्षेत्र में थोड़ी सी भी बरसात यहां के लोगों को अपने घरों में कैद होने को मजबूर कर देती है। आखिर पांखू में बाइक समेत नाले में युवा व्यापारी बह गया जिससे मौके पर ही उसकी मृत्यु हो गयी। मरता क्या नहीं करता, कुछ तो मजबूरी रही होगी इस व्यापारी की जो सड़क के बीचों – बीच बहने वाले नाले को पार करने के प्रयास में अपनी जान से हाथ धौ बैठा। आपको बता दें कि मानसून शुरू होने से पहले ही पहाड़ों में नदी नालों से नुकसान होना शुरू हो गया है। आज बेरीनाग तहसील के पांखू में सड़क में बह रहे नाले में एक मोटर साइकिल बह गई। बाइक में सवार व्यापारी की मौके पर ही मौत हो गई। थल और बेरीनाग से पहुंची पुलिस व प्रशासनिक टीम ने शव का पंचायतनामा भरा। इस घटना के बाद क्षेत्र में शोक है।
बेरीनाग तहसील क्षेत्र के दशौली गांव निवासी 45 वर्षीय गणेश पाठक हल्द्वानी से सामान मंगाकर दुकानों में सप्लाई करते थे। वह पिछले दिनों अपने गांव दशौली से पांखू आए थे। बाजार का काम निपटा कर वापस दिल्ली को जा रहे थे तभी वह पांखू से दो किलोमीटर आगे कोटमन्या मार्ग पर पहुंचे थे। इसी दौरान सड़क के बीचों बीच बने देवी नाले में आए बरसात के पानी को चपेट में आ गए। नाले में उनकी बाइक बह गई। इस घटना में व्यापारी गणेश पाठक की मौके पर ही मौत हो गई। अब यह घटना पांखु क्षेत्र की सड़क मार्ग व्यवस्था को भी उजागर करता है।
पांखू से कोटमन्या मार्ग में लगभग कई बड़े – बड़े नाले देखने को मिलते है। यह नाले सड़क बनने से लेकर वर्तमान स्थिति तक जस की तस स्थिति में सड़क के बीचों बीच आज भी पहले की स्थित में ही विद्यमान है जबकि यहां पर पुलों का निर्माण होना चाहिए था। जिससे कि यहां के स्थानीय लोगों को बरसात में भी सड़क व्यवस्था का लाभ मिल सकता परन्तु मुख्यमंत्री से लेकर कई दिग्गज नेतागणों के यहां पहुंचने के बावजूद इस क्षेत्र की सड़क व्यवस्था को लेकर कोई कार्य नहीं किया जो यह दर्शाता है कि राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को लेकर सरकार पूरी तरह से नाकाम रही है।