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उत्तराखंड :जल विद्युत परियोजना के रास्ते में बाधक मकानों को किया ध्वस्त, बिलखती रही महिला, देखिए वीडियो

@शब्द दूत ब्यूरो (24  सितंबर 2021)

चमोली । जल विद्युत परियोजना के रास्ते में बाधक 16 मकानों को ध्वस्त करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। जिले के हाट गांव में हुई इस कार्रवाई को लेकर यहाँ लोगों में भारी रोष है। 

बता दें कि विष्णुगाड-पीपलकोटी हाइड्रो प्रोजेक्ट का यहाँ निर्माण कार्य चल रहा है। टीएचडीसी की 444 मेगावाट वाली विष्णुगाड-पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना के लिए हाट गांव का विस्थापन होना है।  बीते बुधवार को सुबह सुबह टीएचडीसी ने भारी पुलिस बल व प्रशासन की मौजूदगी में स्थानीय निवासियों व जनप्रतिनिधियों के भारी विरोध के बावजूद ध्वस्त कर दिया। इस दौरान विरोध कर रहे चार जनप्रतिनिधियों व तीन महिलाओं को भी पुलिस गोपेश्वर थाने ले गई।  विस्थापन से कुछ परिवार इंकार कर रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की ओर से उन्हें इस अभियान की कोई खबर नहीं दी गई।  लोगों को घरों से अपना सामान निकालना पड़ा। मकान ध्वस्त करने आये टीएचडीसी के अधिकारियों को यहाँ महिलाओं ने खरी खोटी सुनाई। एक वृद्ध महिला तो बिलख बिलख कर रो पडी। 

मकानों को ध्वस्त करने आई प्रशासन व पुलिस की टीम का विरोध करने पर ग्राम प्रधान राजेंद्र हटवाल, दशोली ब्लॉक के ज्येष्ठ उपप्रमुख पंकज हटवाल, मुकेश गैरोला व उनकी पत्नी प्रभा देवी, नव युवक मंगल दल के अध्यक्ष अमित गैरोला और कृष्ण चंद के साथ ही दो महिलाओं को पुलिस पकड़ कर गोपेश्वर थाने में ले आई।

गांव में संयुक्त मजिस्ट्रेट/एसडीएम अभिनव शाह व एक अन्य मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में टीएचडीसी की दो जेसीबी मशीनों ने मकानों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। यह कार्रवाई दिन भर चली। विरोध कर रहे लोगों ने जब घरों से सामान नहीं हटाया तो पुलिस और प्रशासन की टीम ने ग्रामीणों का सामान जबरन बाहर निकलवाया। उसके बाद घरों को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी। इस कार्रवाई के दौरान नायब तहसीलदार धीरज राणा, टीएचडीसी के जीएम गणेश भट्ट, डीजीएम जीएस बिष्ट, एजीएम अनिरुद्ध विश्नोई, एजीएम संदीप गुप्ता भी मौजूद थे।

दशोली के ज्येष्ठ प्रमुख पंकज हटवाल ने आरोप लगाया कि कहा है कि चमोली प्रशासन और परियोजना प्रबन्धन  लोगों को झूठी जानकारी दे रहे हैं। परियोजना प्रबन्धन व जिला प्रशासन सभी को गुमराह कर रहा है। परियोजना प्रबन्धन और जिला प्रशासन हर बार मीटिंग बुलाकर हमको आश्वसान देते रहे और हमारे पीछे इस तरह को कार्यवाही की योजना बनाते रहे। हम पहले से तय 3 अक्टूबर की समय सीमा का इंतजार कर रहे हैं यदि कोई कार्य नहीं हुआ तो 4 अक्टूबर से सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार कर आंदोलन करेंगे। 

उधर इस मामले को लेकर यहाँ भाजपा कार्यकर्ताओं में भी आक्रोश देखने में आ रहा है। भाजपा नेताओं को हिरासत में लिये जाने से नाराज यहाँ भाजपा संगठन की ओर से इस्तीफा देने की चेतावनी दी गई है। 

ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान हाट गांव में स्थित  इष्ट देव बगडवाल देवता के मंदिर को ध्वस्त करने पर यहाँ के लोगों में दुख और पीड़ा है। सोशल मीडिया पर मंदिर की ध्वस्तीकरण से पहले और बाद की तस्वीर पोस्ट कर लोगों ने अपना आक्रोश जताया है।

मंदिर पहले
मंदिर ध्वस्त होने के बाद

सोशल मीडिया पर कहा गया है कि तस्वीर देखकर खुद ही लगाओ कितना बड़ा अत्याचार हुआ है..क्या कसूर था बगडवाल देवता का.. इन तालिबानियों ने इंसानों को तो नहीं बक्सा लेकिन कम से कम भगवान को छोड़ देते..जब नित्य पूजा होती थी तब की तस्वीर और आज की ये तस्वीर है..मन बहुत व्यथित है..
जिलाधिकारी के साथ जितने भी अधिकारी लोग इस कृत्य में शामिल थे उन अभी पर कार्यवाही होनी चाइये
भगवान न्याय जरूर करेगा। 

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