@शब्द दूत ब्यूरो
कानपुर देहात। एक महिला सिपाही के पति ने अपने मकान मालिक के घर में आग लगा कर पूरे परिवार को जिंदा जलाने की कोशिश की। इस घटना में मकान मालिक के दो बच्चों की मौत हो गई। जबकि पति पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं जिनका अस्पताल में उपचार किया जा रहा है। आरोपी ने बाद में ट्रक के आगे कूदकर जान देने की कोशिश भी की। उसकी स्थिति भी गंभीर बताई जा रही है।
अकबरपुर के नेहरूनगर मोहल्ले के सभासद जितेन्द्र के मकान में महिला सिपाही किराये पर रहती है। रविवार की रात में महिला सिपाही के पति ने मकान मालिक, उसकी पत्नी व दो बच्चों पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। आग से चारो गंभीर रूप से जल गए। घटना से पहले महिला सिपाही अपनी रात की ड्यूटी पर गई थी। सिपाही का पति अवनीश ही उसे कोतवाली छोड़ने गया था। वहाँ से वह पेट्रोल लेकर पहली मंजिल में पहुंचा जहां सभासद का परिवार रहता है। उस समय मकान मालिक सभासद की पत्नी अर्चना, बेटी पुत्री हर्षिता (5) व बेटे हनु (15 महीने) किचन में थे, अवनीश ने उन पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी।
अपने परिवार को आग से घिरा देख जब सभासद जितेंद्र बचाने गए तो उन पर भी आरोपी ने पेट्रोल फेंका। आग शोर सुनकर मंजिल पर किराए पर रहने वाली दूसरी महिला सिपाही अर्चना इनको बचाने पहुंची तो अवनीश ने उस पर डंडे से हमला कर दिया और वहां से भागा। वह पहली मंजिल से केबिल के सहारे नीचे कूदा और वहां खड़ी सभासद की कार में भी आग लगी दी। इस बीच चीख पुकार सुनकर आसपास के लोग पहुंच गए, उन्होंने कार की आग बुझाई और फिर ऊपर पहुंचे तो नजारा देख डर गए।
लोगों ने किसी तरह आग बुझाई और पुलिस को खबर की, पुलिस ने पहुंचकर पूरे परिवार को अस्पताल भिजवाया जहां से डाक्टरों ने सभी को कानपुर रेफर कर दिया। इलाज के दौरान कानपुर में दोनों बच्चों की मौत हो गई। डॉक्टरों के अनुसार सभासद की पत्नी अर्चना की हालत ज्यादा गंभीर है। उधर वाहन के आगे कूदे आरोपित अवनीश ही हालत भी गंभीर है। लोगों ने बताया कि हाइवे पर उसने पहले एक कार के खड़े होकर जान देने की कोशिश की लेकिन चालक ने कार रोक ली, इसके बाद उसने किसी बड़े वाहन के आगे छलांग लगाई। सभासद के पिता ने बताया कि परिवारों में कभी कोई विवाद नहीं हुआ, लोगों ने बताया की सभासद ने जब से नई कार ली थी अवनीश वह खटकने लगे थे। कुंठा में वह ऐसी हरकत कर सकता है।
एसपी केशव कुमार चौधरी ने बताया कि अभी घटना की वजह का पता नहीं चला है, लेकिन आरोपित के डिप्रेशन में होने की बात कही जा रही है। आग से झुलसे दंपति व उसके बच्चों की हालत गंभीर होने के कारण कोतवाल अकबरपुर के साथ इलाज के लिए कानपुर भेजा गया था, जहां बच्चों की मौत की सूचना मिली है।