@विनोद भगत
काशीपुर । सपा, बसपा, भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में काशीपुर से विधायक बनने के दावेदारों की संख्या पर नजर डालें तो कई नाम सामने आते हैं।
पिछले बीस वर्षों से अकाली नेता हरभजन सिंह चीमा भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर न केवल अन्य दलों के दिग्गज नेताओं के ही विधायक बनने के ख्वाब नहीं तोड़ते रहे। साथ में भाजपा के भी कई नेताओं के लिए विधायक बनना एक सपना बनकर रह गया। एक भाजपा नेता तो चीमा को राजनीतिक मात देने की कोशिश में अपनी खुद की राजनीतिक जमीन गंवा बैठे।
लेकिन इस बार अकाली भाजपा गठबंधन समाप्त होने से यह समझा जा रहा है कि मौजूदा विधायक चीमा को संभवतः इस बार टिकट भाजपा से न मिल पाये। ऐसे में पार्टी में लंबे समय से जमे कुछ नेताओं की आस जगी है।
पर इस बार भाजपा से काशीपुर विधानसभा के लिए मौजूदा मेयर श्रीमती ऊषा चौधरी यहाँ से भाजपा से विधायक के टिकट की दावेदारी में सबसे पहले नंबर पर हैं। दरअसल जिस तरह से चीमा पिछले बीस वर्षों से लगातार भाजपा का परचम लहराये हुये हैं। ऊषा चौधरी भी निकाय चुनाव में भाजपा का परचम लहराये हुये हैं। पार्टी के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने शब्द दूत को बताया कि चीमा के चुनाव न लड़ने की सूरत में श्रीमती ऊषा चौधरी ही पार्टी की पहली पसंद हैं।
अब बात करते हैं कांग्रेस की तो यहाँ दावेदारों की सूची दिन पर दिन बढ़ रही है। एक बार फिर काशीपुर विधानसभा से पूर्व में प्रत्याशी रहे मनोज जोशी ही पार्टी की पहली पसंद हैं। मनोज जोशी का पलड़ा इसलिए भारी है कि उनकी कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व में गहरी पैठ हैं।
हालांकि महानगर कांग्रेस अध्यक्ष संदीप सहगल को भी पार्टी के लोग संभावित प्रत्याशी मानकर चल रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नजदीकी संदीप सहगल शहर के कुछ लोगों की पसंद हैं तो पार्टी के कई स्थानीय नेता शायद उन्हें प्रत्याशी के रूप में स्वीकार नहीं कर पायें। इनमें स्थानीय पुराने व वरिष्ठ कांग्रेस नेता शामिल हैं।
प्रदेश सचिव अरूण चौहान लंबे समय से कांग्रेस के कद्दावर नेताओं के करीबियों में शुमार किये जाते हैं। हरीश रावत से लेकर प्रीतम सिंह डॉ इंदिरा ह्रदयेश और केंद्र के कई नेताओं से नजदीकियों के चलते अरूण चौहान भी कांग्रेस के प्रबल दावेदारों में हैं।
कांग्रेस से महिला दावेदार भी काफी संख्या में हैं। उनमें से एक मेयर चुनाव में कम मतों से पराजित मुक्ता सिंह की भी कांग्रेस से टिकट की दावेदारी है।
गुड़िया परिवार से डॉ दीपिका गुड़िया आत्रेय कांग्रेस की महिला दावेदारों में से एक योग्य व सुशिक्षित राजनेत्री हैं। काशीपुर में कांग्रेस की रीढ़ कहे जाने वाला गुड़िया परिवार से होना डॉ दीपिका की दावेदारी को पुख्ता करता है। एक और महिला कांग्रेस नेत्री इंदुमान के साथ ही अलका पाल भी इस दौड़ में शामिल हैं।
इधर पिछले कुछ महीनों से उत्तराखंड में जोर-शोर से अपनी पैंठ बना चुकी आम आदमी पार्टी से दीपक बाली ने ताबड़तोड़ एक के बाद एक राजनीतिक धमाके और विपक्षी दलों पर उनकी नाकामयाबियों को अपना हथियार बना कर हमले कर खुद को एक तेज तर्रार नेता के रूप प्रतिस्थापित कर सबकी नींद उड़ा दी है। अगर बात करें भाजपा कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय दलों से प्रत्याशी कौन होगा तो कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन आम आदमी पार्टी इस मामले में नंबर वन पर है। आम आदमी पार्टी को यहाँ से प्रत्याशी चयन पर माथापच्ची नहीं करनी जबकि अन्य दलों को चुनाव लड़ने से पहले एक और लडाई लड़नी है कि प्रत्याशी होगा कौन?