उत्तराखंड की तपोवन सुरंग में चल रहे बचाव अभियान की अगुवाई दक्षिणी ध्रुव की चोटी को फतह करने वाली पहली महिला आईटीबीपी अधिकारी उप महानिरीक्षक अपर्णा कुमार कर रही हैं। उनके साथ इस सीमा सुरक्षा बल के पहाड़ी युद्ध कौशल कला में निपुण अधिकारी भी हैं जिन्होंने पहाड़ों पर आपदाओं को बहुत करीब से देखा है। कुमार 2002 बैच की भारतीय पुलिस सेवा में उत्तर प्रदेश काडर की अधिकारी हैं।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में स्थित आईटीबीपी की उत्तरी कमान की सेक्टर प्रभारी 45 वर्षीय अपर्णा कुमार को ऐसी पहली महिला आईपीएस अधिकारी एवं आईटीबीपी अधिकारी के रूप में जाना जाता है जिन्होंने दक्षिणी ध्रुव को फतह किया। उन्होंने 2019 में यह उपलब्धि हासिल की थी।
कर्नाटक की रहने वाली एवं दो बच्चों की मां कुमार 2018 में प्रतिनियुक्ति पर आईटीबीपी में आई थीं। उन्होंने बताया, ‘तपोवन सुरंग में मलबा साफ करने का अभियान जारी है। यह मुश्किल है लेकिन हम लगे हुए हैं। उन्होंने प्रतिष्ठित ‘सेवन समिट चैलेंज’ भी पूरा किया है जिसमें सात महाद्वीपों की सात शीर्ष चोटियों तक पहुंचना होता है। 2019 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार से सम्मानित किया था।
आईटीबीपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘जब त्रासदी हुई थी तब से कुमार तपोवन-जोशीमठ में हैं। उन्होंने बताया कि कुमार के सहायक हैं जोशीमठ (चमोली जिले) में आईटीबीपी की पहली बटालियन के कमांडिंग अधिकारी बेनुधर नायक। अधिकारी ने बताया कि नायक की भी पहाड़ों में काफी समय तक तैनाती रही है और उन्हें इसका खासा अनुभव है। 2013 में जब राज्य में बड़े पैमाने पर बाढ़ एवं आपदा आई थी तब भी वह उत्तराखंड में पदस्थ थे।
आईटीबीपी, जोशीमठ के निकट औली स्थित अपने ‘स्पेशलाइज्ड माउंटेनियरिंग ऐंड स्काई इंस्टीट्यूट’ के अधिकारियों की भी सेवा ले रहा है। इसके जवान डिप्टी कमांडेंट नितेश शर्मा के तहत काम कर रहे हैं। एक अधिकारी ने बताया, ‘कमांडो का प्रशिक्षण प्राप्त अधिकारी शर्मा छोटी सुरंग में जाने वाले पहले व्यक्ति थे। उस सुरंग से एनटीपीसी, तपोवन के 12 श्रमिकों को बचाया गया था।’ ये सभी अधिकारी आपदा के बाद से ही घटनास्थल पर डटे हुए हैं और सुरंग के भीतर फंसे लोगों को बचाने के हर संभव प्रयास कर रहे।