पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे के लिए पेड़ों को काटने की अनुमति के आदेश जारी कर दिए हैं। लगभग 8588 पेड़ सहारनपुर की शिवालिक वन प्रभाग के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 72-ए में 47.70 हेक्टेयर वन भूमि में काटे जाएंगे।
@शब्द दूत ब्यूरो (29 नवंबर, 2021)
उत्तराखंड सरकार ने दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए 8588 पेड़ों को काटने की अनुमति प्रदान कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को शामिल करते हुए सरकार ने शनिवार को आदेश जारी कर दिए। इन पेड़ों को काटने से होने वाले क्षति की पूर्ति के लिए शिवालिक वन प्रभाग की मोहंड व बड़कला रेंज में 95.50 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण किया जाएगा।
पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के सचिव आशीष तिवारी ने पेड़ों को काटने की अनुमति के आदेश जारी कर दिए हैं। ये पेड़ सहारनपुर की शिवालिक वन प्रभाग के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 72-ए (गणेशपुर से डाट काली मंदिर तक) करीब 47.70 हेक्टेयर वन भूमि में काटे जाएंगे। इसमें से 5.189 हेक्टेयर वनभूमि संरक्षित है जबकि 42.51 हेक्टेयर क्षेत्र आरक्षित वन भूमि में आता है।
सरकार ने यह भी शर्त रखी है कि वन भूमि में निर्माण एजेंसी मजदूरों के रहने के लिए कोई कैंप नहीं बनाएगी। साथ ही जिन 8588 पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई है यदि उसमें कुछ पेड़ एक स्थान से उखाड़कर दूसरे स्थान पर शिफ्ट किए जा सकते हैं तो उसका भी पालन किया जाए।
दरअसल, छह लेन एक्सेस कंट्रोल्ड इस हाईवे को दिल्ली से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सीमाओं में बनना है। यह एक्सप्रेस वे कई मायनों में खास होगा और खासकर उत्तराखंड आने-जाने वाले यात्रियों के लिए यह किसी सपने के सच होने जैसा होगा क्योंकि दिल्ली से देहरादून ढाई घंटे में पहुंचा जा सकेगा। एक्सप्रेस वे का ज्यादातर हिस्सा राजाजी नेशनल पार्क की सीमा से होकर गुजरेगा। इसको देखते हुए यहां पर करीब पांच किलोमीटर लंबा फोर लेन एलिवेटेड फ्लाईओवर बनाया जाएगा।