@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (20 अक्टूबर, 2021)
दिल्ली के पास नए केंद्रीय कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के समूहों ने इस सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में एक प्रमुख सुनवाई से पहले लामबंद होने का आह्वान किया है। हो सकता है कि उनकी साल भर से जारी नाकेबंदी का अंत हो जाए। किसान नेताओं ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के प्रदर्शनकारियों से दिल्ली की सीमाओं पर अधिक से अधिक संख्या में आंदोलन में शामिल होने का आग्रह किया है।
इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह जांच करेगा कि क्या विरोध करने का अधिकार है। कोर्ट यह भी जानेगा कि क्या किसानों को सड़कों पर उतरने का अधिकार है, तब जबकि उनके विरोध के मूल में जो तीन नए कृषि कानून का मुद्दा है, वह कोर्ट में विचाराधीन है।
अदालत ने तीन अक्टूबर को उत्तर प्रदेश में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के बाद धरने पर बैठे धरने पर तीखा सवाल उठाया था। केंद्र सरकार ने तर्क दिया कि किसानों का कोई और विरोध प्रदर्शन नहीं हो सकता क्योंकि लखीमपुर खीरी जैसी घटनाओं की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट एक किसान समूह की याचिका पर जवाब दे रहा था जो दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करना चाहता है। केंद्र सरकार ने इसका विरोध करते हुए यूपी हिंसा का जिक्र किया था।