कोरोना वायरस महामारी के बीच दुनियाभर के विभिन्न देश कोविड-19 वैक्सीन विकसित करने में जुटे हैं। कई वैक्सीन अंतिम दौर में हैं। इस बीच, अमेरिका की दिग्गज बायोटेक कंपनी फाइजर और उसकी जर्मन सहयोगी बायोएनटेक ने अमेरिकी प्रशासन से अनुमति मांगी है ताकि जल्द कोरोना वायरस वैक्सीन पेश की जा सके। विभिन्न देशों में कोरोना के मामले बढ़ने से फिर से बंदी के हालत उत्पन्न होने और वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच राहत की दिशा में यह पहला कदम माना जा रहा है।
कोरोना वायरस संकट के दौर में दुनिया वैश्विक महामारी से निजात के लिए वैज्ञानिकों की ओर देख रही हैं। अमेरिका खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने कहा कि उसकी वैक्सीन कमेटी आपात उपयोग मंजूरी के लिए किए गए अनुरोध पर विचार करने के लिए 10 दिसंबर को मुलाकात करेगी। संगठन के प्रमुख स्टेफेन हन ने कहा, “एफडीए का मानना है कि कोविड-19 वैक्सीन में लोगों का विश्वास पैदा करने के लिए बातचीत और पारदर्शिता बहुत जरूरी है।”
उन्होंने कहा, “मैं अमेरिकी लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एफडीए की प्रक्रिया और संभावित कोविड-19 वैक्सीन के लिए डेटा का मूल्यांकन जितना संभव हो उतना खुला और पारदर्शी होगा।” उन्होंने कहा कि वह अंदाजा नहीं लगा सकते हैं कि समीक्षा में कितना समय लगेगा। हालांकि, अमेरिकी सरकार का कहना है कि शायद दिसंबर में वैक्सीन को हरी झंडी दे दी जाए।
हाल ही में फार्मास्युटिकल प्रमुख फाइजर ने कहा था कि अंतिम विश्लेषण में कोविड-19 वैक्सीन 95% प्रभावी पाई गई और कंपनी का कहना है कि वो तुरंत जरूरी मंजूरी के लिए आवेदन करेगी।