काशीपुर। पुलिस द्वारा कई मामलों में अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किये जाने पर क्षेत्रीय विधायक हरभजन सिंह चीमा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे गलत बताया और कहा कि इसमें बदलाव की जरूरत है। क्योंकि अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किये जाने में भ्रष्टाचार की बू आती है। यहां जारी प्रेस वक्तव्य में विधायक श्री चीमा ने कहा कि पुलिस के द्वारा बड़ी संख्या में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा लिखा जाता है। जबकि संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि पुलिस अज्ञात को प्रतिवादी बनाये। पुलिस अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद कई लोगों को शक के आधार पर हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ करती है। मसलन, किसी मामले में पुलिस द्वारा अज्ञात पर केस दर्ज कर चार-पांच लोगों को उठाया जाता है और फिर इनमें से दो को आरोपी ठहराकर तीन को छोड़ दिया जाता है तो वह लोग खुद को प्रताड़ित महसूस करते हैं और इनमें से तमाम लोग न्याय पाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाते हैं। विधायक चीमा ने यह बात किसी शहर विशेष के लिए नहीं वरन उत्तराखंड पुलिस के संदर्भ में कही है।
स्पष्ट शब्दों में कहें तो अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किये जाने में पुलिस की पारदर्शिता पर भी सवाल उठते हैं और भ्रष्टाचार की बू आती है। लिहाजा इसमें बदलाव की जरूरत है। विधायक श्री चीमा ने कहा कि भारतीय संविधान में उल्लेख है कि सौ दोषी छूट जाएं लेकिन एक भी निर्दोष को सजा न हो। इसलिए भारतीय संविधान का पालन करते हुए पुलिस को चाहिए कि वह अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज करने के उपरांत पूछताछ हेतु लोगों को उठाकर प्रताड़ित करना बंद करे।