काशीपुर। निकटवर्ती ग्राम गढ़ीनेगी में निरंकारी संतों की सदगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के प्रथम बार गढ़ी नेगी में आगमन उनके भक्त भारी संख्या में जुटे। मालधन रोड पर स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन पर इसका आयोजन किया गया। इस अवसर पर हज़ारों श्रद्धालुओं ने पहुंचकर सद्गुरु माता जी से आशीर्वाद प्राप्त किया। जो सद्गुरू और भक्तों के मिलन का साक्षी बना।
उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड की 15 दिवसीय कल्याण यात्रा पर निरंकारी सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज अलीगढ़, आगरा, इटावा, उरई, बांदा, हमीरपुर, कानपुर, बरेली किच्छा, हल्द्वानी, भवाली आदि नगरों से होते हुए दोपहर 2.00 बजे गढ़ीनेगी में पहुंची। जहां सद्गुरु माता ने नवनिर्मित संत निरंकारी सत्संग भवन का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर सत्संग का कार्यक्रम चलता रहा। उसके उपरांत सद्गुरु माता के सम्मान में हज़ारों की संख्या में पहुंचे संत महात्माओं ने धन निरंकार का जयघोष किया।
संत समागम में उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए निरंकारी सद्गुरु माता जी ने प्रभु निरंकार से जुड़ने की सीख देते हुए ब्रह्मज्ञान के महत्व को दर्शाया। सभी संतो को निहाल करते हुए उन्होंने सभी को प्रेम, नम्रता और भाईचारे को अपनाने का संदेश दिया। मौसम का ज़िक्र करते हुए भी उन्होंने कहा कि मौसम खराब होने के बावजूद भी संत महात्मा इतनी दूर-दूर से चलकर यहां पर पहुंचे है। सद्गुरु माता जी ने बताया कि यह नेकियों का गढ़ है इसलिए यह गढ़ीनेगी नगर के नाम से ही लगता है।
उन्होंने कहा कि क्षत्रिय वैश्य हरिजन, प्रभु की रचना सारी है‘‘ में समानता का ही दर्शन होता है। इसी संदेश पर अग्रसर होकर निरंकारी सद्गुरू माता जी ब्रह्मज्ञान द्वारा हर इंसान को आत्मिक आजादी प्रदान कर रहे हैं।विश्व प्रसिद्व आध्यात्मिक जागरूकता का मंच “संत निरंकारी मिशन” कोई धर्म या सम्प्रदाय नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक विचारधारा है।
प्रतिनिधि ने बताया कि निरंकारी सद्गुरू के मार्गदर्शन में संत निरंकारी मिशन जहां आध्यात्मिकता की अलख जगा रहा है वहीं मानवता की सेवा के लिए पिछले कई वर्षों से देश व दूर-देशों में रक्तदान शिविरों, वृक्षारोपण और सफाई अभियान का आयोजन करता आ रहा है।