काशीपुर । प्रदेश के वन पर्यावरण एवं श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा है कि आयुष्मान योजना कुछ अस्पतालों की गलती की वजह से बंद नहीं होनी चाहिए। वन मंत्री हरक सिंह आज काशीपुर में उजाला अस्पताल में एडवांस स्टेट आफ द आर्ट डायलिसिस यूनिट के शुभारंभ के मौके पर बोल रहे थे।उन्होंने अस्पताल के चिकित्सकों और स्टाफ के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि वैसे विरोधाभास होगा कि अस्पताल उन्नति करे यह कहा जाये। क्योंकि बीमार कोई न हो हम हमेशा ये कामना करते हैं। इसके बावजूद अस्पताल की और उसके स्टाफ के द्वारा अपने यहाँ आ रहे मरीजों को दी जाने वाली चिकित्सा सुविधा बेहतर हो तभी आम नागरिकों की सेवा हो पायेगी। वन मंत्री ने उजाला अस्पताल के चिकित्सकों से आग्रह किया कि वह अस्पताल में आने वाले मरीजों को चिकित्सा सुविधा के साथ-साथ उनके साथ विनम्रता का व्यवहार करके उसका मनोवैज्ञानिक ढंग से भी उपचार करें।
डा. रावत ने कहा कि हाॅस्पिटल खोलना और विशेषज्ञ डाक्टरों के साथ अन्य सुविधएं मुहैया करवाना कोई बडी उपलब्धि नहीं है। हाॅस्पिटल की सबसे बडी उपलब्धि लोगों का विश्वास जीतना है। डाक्टर का पहला काम अपने मरीज का विश्वास जीतने का होता है। यदि उसने मरीज का विश्वास जीत लिया और मरीज यह समझे कि वह यहां स्वास्थ हो सकता है तो समझों डाक्टर ने पहला पायदान पार कर लिया। और उपचार के रूप में दूसरा पायदान शुरू होता है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्रा का उद्देश्य धन कमाना नही बल्कि मानव सेवा है। यदि किसी का धन कमाने का उद्देश्य हो तो उसको किसी और क्षेत्र में काम करना चाहिये।
इस अवसर पर उजाला अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि राज्य में गुर्दा रोग पीड़ितों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए यहाँ डायलिसिस की एडवांस स्टेट सुविधा आरंभ की गई है। इस यूनिट में सभी प्रकार के जीवन रक्षक उपकरण उपलब्ध होंगे। अभी शुरुआत में यह यूनिट सात बेड की है इसके अलावा इमरजेंसी में भी अलग से डायलिसिस सुविधा उपलब्ध रहेगी। इस यूनिट को प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना से भी जोड़ा गया है।इस अवसर पर डा. प्रसुन कुमार, गुर्दा रोग विशेषज्ञ डा. जेएस बिश्नोई, डा. योगेश शर्मा, डा. आनंद अयंगर, डा. भूपेन्द्र वर्मा, डा. नूपुर सिन्हा, डा. हरीश पाठनी, डा. सुधा पाठनी, डा. प्रवीन शर्मा, डा. अनिल कुमार मांझी, डा. रजनी कांत, पंकज टंडन समेत समस्त हाॅस्पिटल का स्टाफ मौजूद रहा।